Search This Blog

Translate

Thursday, April 26, 2018

परिवार



परिवार अब कहाँ, परिवार तो कब के मर गए।

आज जो है, वह उसका केवल 

टुकड़ा भर रह गए।




पहले होता था दादा का,

बेटों पोतों सहित,भरा पूरा परिवार,

एक ही छत के नीचे।

एक ही चूल्हे पर,

पलता था उनके मध्य,

अगाध स्नेह और प्यार।




*अब तो रिश्तों के आईने,*

*तड़क कर हो गए हैं कच्चे,*

*केवल मैं और मेरे बच्चे।*

*माँ बाप भी नहीं रहे*

*परिवार का हिस्सा,*

*तो समझिये खत्म ही हो गया किस्सा।*

प्रारब्ध भोग!



एक व्यक्ति हमेशा ईश्वर के नाम का जाप किया करता था। धीरे धीरे वह काफी बुजुर्ग हो चला था इसीलिए एक कमरे मे ही पड़ा रहता था ।

जब भी उसे शौच; स्नान आदि के लिये जाना होता था; वह अपने बेटो को आवाज लगाता था और बेटे ले जाते थे।

धीरे धीरे कुछ दिन बाद बेटे कई बार आवाज लगाने के बाद भी कभी कभी आते और देर रात तो नहीं भी आते थे।इस दौरान वे कभी-कभी गंदे बिस्तर पर ही रात बिता दिया करते थे।

जिंदगी का फंडा...




👌 *सुंदर वाक्य* 👌


*"जिंदगी ऐसी ना जियो...!!!*

*"कि लोग 'फरियाद' करे...!!!*




*"बल्की ऐसी जियो...!!!*

*"कि लोग तुम्हे 'फिर-याद' करे...!!!*




Be careful with your words...




Anger is an acid 

that can do more 

harm to the vessel 

in which it is stored

than to anything on

which it is poured.*


🙏GOOD MORNING 🙏

Saturday, April 21, 2018




Don’t find Faults-

That’s very easy & almost anybody can do it.

Friday, April 20, 2018

आज के समय में सच्ची इज्जत किसकी होती है..??






*किसी ने एक विद्वान से पूछा की*

*"आज के समय में सच्ची इज्जत किसकी होती है..??"*

*विद्वान ने जवाब दिया की :*

आप उस वक्त कहां थे!



एक आदमी पहाड़ी रास्ते से जा रहा था, अचानक उसको एक आवाज आयी रुको। वो रुक गया जैसे ही वो रुका उसके सामने एक बड़ी सी चट्टान गिरी। 

वो आवाज का शुक्रिया करके आगे बढा।

कुछ दिन बाद वो आदमी फिर कहीं जा रहा था।

फ़िर वही आवाज आयी.. रुको।

वो रुक गया, तभी उसके बगल से एक कार बड़ी तेजी से गुजर गयी। 

कभी हँसते हुए छोड़ देती है "ये ज़िन्दगी!!




*कभी हँसते हुए छोड़ देती*

*है "ये ज़िन्दगी!!*

*कभी रोते हुए छोड़ देती है "*

Blog Archive

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...