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Friday, April 10, 2015

बेचारा पति - जाये तो जाये कहाँ, समझेगा कौन यहाँ दर्दभरे दिल की जुबां....




पत्नी को किसी किटी पार्टी में जाना था तो उसने अपने पति से पूछा, "सुनो जी मैं कौन सी साड़ी पहनूं? ये नीली वाली या लाल वाली?


पति: नीली वाली पहन लो।

पत्नी: लेकिन नीली वाली तो मैंने परसो भी पहनी थी।

पति: अच्छा तो फिर लाल ही पहन लो।

पत्नी: अच्छा अब यह बताओ, लाल साड़ी के साथ सैंडल कौन से अच्छे लगेंगे? ये फूल वाले या प्लेन?

पति: प्लेन वाले।
पत्नी: अरे मैं पार्टी में जा रही हूँ, किसी कथा में नहीं। थोड़ी तड़क -भड़क तो दिखनी चाहिए ना।

पति: ताे ठीक है फूल वाले पहन लो।
पत्नी: अच्छा बिंदी कौन सी अच्छी लगेगी? ओवल या ये बड़ी या ये छोटी सी?

पति: मेरे ख्याल से तो ओवल ठीक रहेगी।
पत्नी: तुम्हें फैशन का जरा भी आइडिया नहीं है। मैंने जो साड़ी पहनी है ना, उसके साथ तो ये छोटी ही अच्छी लगेगी।

पति: तो ठीक है, छोटी बिंदी ही लगा लो।
पत्नी: अच्छा, पर्स कौन सा जमेगा? यह क्लच या बड़ा हैंडबैग।


पति: क्लच ले लो।
पत्नी: अाजकल तो बड़े हैंडबैग का फैशन है।

पति: ताे अरे बाबा, वही ले जाओ, मुझे क्या करना है। बस पार्टी को एंजॉय करना।
पत्नी जब पार्टी से लौटकर आई तो बड़े गुस्से में थी।


पति: अरे क्या हुआ?
पत्नी: तुम एक भी काम ढंग से नहीं कर सकते क्या?


पति: क्यों मैंने क्या गलत कर दिया?
पत्नी: पार्टी में सब मेरा मजाक उड़ा रहे थे कि कैसी साड़ी पहनकर आ गई, कैसी बिंदी लगाई है, पर्स और सैंडल पर भी कमेंट पास कर रहे थे।

पति: तो इसमें मेरा क्या दोष है?
पत्नी: सब मैंने तुमसे ही पूछ कर किया था न? ढंग से नहीं बता सकते थे क्या? इससे तो अच्छा था कि मैं खुद ही डिसाइड कर लेती। 




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