आँखे' कितनी अजीब होती है,
जब उठती है तो दुआ बन जाती है,
उठ के झुकती है तो अदा बन जाती है
झुक के उठती है तो खता बन जाती है,
जब खुलती है तो दुनिया इसे रुलाती है,
जब बंद होती है तो दुनिया को ये रुलाती है...!!
"हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास,
न दूसरों को रहने दो..!"
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