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Tuesday, September 01, 2015

बेटी बचाओं - बेटी पढ़ाओ



बेटी बचाओं - बेटी पढ़ाओ

एक आदमी के 3 बेटे और एक बेटी थी और विदेश में रहते थे । एक बार उनकी माँ बहुत सिरियस बीमार हो गयी । उनके पिताजी अपने  पहले बेटे को फ़ोन किया । बेटा तुम्हारी माँ बहुत बीमार है । जल्दी से घर आजा। बेटा बोला पापा मै 3 साल की ट्रेनिंग पर हूँ , कृप्या  आप उन दोनो भाइयो को फ़ोन करके बुला लो।

फिर पिता ने अपने दुसरे बेटे को फ़ोन किया तो वो बोला मेरी पत्नी प्रेग्नेंट है मै नहीं आ सकता, आप उन दोनों भाइयों को फोन कर के बुला लो।


फिर बाप ने तीसरे बेटे को फ़ोन किया तो वो बोला मेरे तो इन्डिया आने के सिर्फ 3 महीने बाकी हैं , फिर ही आ पाउँगा कृप्या आप उन दोनो भाइयों को फोन कर लो।


बाप रो पड़ा जिस मां बाप ने बैंक से लोन लेकर उन्हे विदेश भेजा, आज वो ही इंकार कर रहे हैं। वे इतने Busy हैं कि मां तक को देखने नहीं आ सकता।


वो खुद को संभाल नहीं सका उसने फिर अपनी बेटी को फोन किया और मां के बारे में बताया बेटी रो पड़ी कहा पापा आप संभालिये अपने आप को मां को मैं और मेरा पति अभी पहली flight से वहां पहुंच रहे हैं आप टेंशन न लें,। पिता अरे बेटा पर तेरे पति का Business का क्या होगा ??



बेटी क्या पापा इस वक्त भी आप ऐसी बात कर रहे हो मां से ज्यादा क्या काम जरूरी है क्या ???? बस आप खुद को संभालो, आप मां को संभालो मैं भी प्रार्थना करती हूं भगवान से।वो मां को जल्दी ठीक कर देगा। सब अच्छा ही होगा पापा।।। ख्याल रखना ....


बाप सोचने लगा यही है आज का युग हम बेटा मांगते हैं बेटी नहीं पर आज बेटों ने आने से मना किया जिनके लिए लोन लिया जिनकी हम किश्तें भर रहे हैं और बेटी जिसे हमनें कभी मान नहीं दिया सम्मान ना दिया वो अपने सभी काम छोड़कर पति के साथ उसके काम काज व बिज़नेस की परवाह न करके अपने पति के साथ सिर्फ मां के लिए आ रही है बाप फिर से रो पड़ा । 


कहा बेवकूफ हैं वे लोग जो बेटे की इच्छा रखते हैं हर तकलीफ में सिर्फ बेटियाँ ही वक्त पे काम आती हैं। ये प्यारी बेटियाँ, ये दुलारी बेटियाँ, मां बाप का गुरूर हैं ये बेटियाँ। Very true. मेऱा और मेंरे ग्रुप की तरफ से सभी बेटियों को सलाम... अगर दिल में लगे तो जरुर शेयर करे।

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