“जिस धागे की गांठे खुल सकती है!
उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए,
किसी की कोई बात बुरी लगे तो,
दो तरह से सोचे....
यदि व्यक्ति महत्वपूर्ण है ,
तो बात भूल जाए और ,
बात महत्वपूर्ण है तो ,
व्यक्ति को भूल जाए परिस्थितिया जब विपरीत होती है,
तब "प्रभाव और पैसा" नहीं
"स्वभाव और सम्बंध" काम आते है ॥
🌹🌹जय श्री श्याम🌹🌹
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