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Friday, August 22, 2014

जिसके पास जिस वस्तु की बहुतायत होती है वह वही दूसरों को देता है,



एक दिन एक व्यक्ति ने एक बहुत

बड़ा और सुंदर सा घर ख़रीदा

जिसमें... एक सुंदर बाग़ भी था।

पड़ोस में जो घर था वह बहुत

साधारण और पुराना था,

साथ ही पड़ोसी भी बड़ा दुष्ट एवं

ईष्यालु था।

अभी उस व्यक्ति को नये घर में आए

हुये कुछ ही समय हुआ था कि

दुष्ट पड़ोसी ने रात को अपने घर के

कूड़े की बाल्टी उसके द्वार पर रख

दी।

सुबह व्यक्ति बड़ी प्रसन्नचित

स्थिति में किसी काम के लिये बाहर

निकला तो उसकी समझ में

नहीं आया कि यह

पड़ोसी का कूड़ा उसके द्वार पर

क्यों रखा हुआ है, फिर उसने कुछ

सोचा और पहले जाकर

कूड़ा फेंका फिर

बाल्टी को अच्छी तरह धोकर

उसमें अपने बाग़ के ताज़े रसीले फल

तोड़ कर भरे और बाल्टी लेकर

पड़ोसी के दरवाज़े की घंटी बजायी।

दुष्ट पड़ोसी ने

सोचा कि नया पड़ोसी झगड़ा करने

आया है अतः वह लड़ने

की तैय्यारी के साथ दरवाज़े

पर आया,

परन्तु यहां का दृष्य देख कर

आश्चर्यचकित रह

गया कि नया पड़ोसी ढेर सारे

फलों से

भरी बाल्टी के साथ खड़ा उस से कह

रहा था...

जिसके पास जिस वस्तु की बहुतायत

होती है वह वही दूसरों को देता है,

मेरे पास फल अधिक हैं

वह आपके लिये ला 




दाग तेरे दामन के धुले ना धुले !!!!I

नेकिया तेरी तराजू में तुले न तुले !!!!!

आज ही गुनाहों से कर ले तोबा !!

ख़ुदा जाने कल तेरी आँख खुले ना खुले

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