प्याज कोई खेल नहीं!
बढती प्याज की कीमतों के हिसाब से जल्दी ही फिल्मो के डायलाग इस प्रकार के होंगे ! मुलाहिजा फरमाईये।
☀मेरे राम श्याम आयेंगे; और दो किलो प्याज़ लायेंगे. . .
☀मेरे पास बंगला है गाडी है बैंक बैलेंस है रुपया है पैसा है, तुम्हारे पास क्या है? मेरे पास प्याज़ है!भाई
☀जिनके घर प्याज़ के सलाद होते हैं; वो बत्ती बुझा कर खाना खाते हैं. . .
☀चिनॉय सेठ, प्याज़ बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं होती; कट जाए तो आँखों से आँसू निकल आते हैं. . .
☀मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता साहेब; प्याज़ हो तो अलग बात है. . .
☀लगता है सब्जी मंडी में नए आये हो बरखुरदार; सारा शहर मुझे प्याज़ के नाम से जानता है. . .
☀11 राज्यों की सरकार मुझे ढूंढ़ रही है; पर प्याज़ को खरीदना मुश्किल ही नहीं,नामुमकिन है. . .
☀ये दोनों प्याज मुझे दे-दे ठाकुर। . .
☀तुम्हें चारो तरफ से पुलिस ने घेर लिया है गब्बर; अपनी सारी प्याज कानून के हवाले कर दो. . .
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