जब भगवान सारी सब्जियों को उनके गुण और सुगंध बांट रहे थे तब प्याज चुपचाप उदास होकर पीछे खड़ी हो गई. सब चले गए प्याज नहीं गई. खड़ी रही..
तब प्याज रोते हुए बोली आपने सबको सुगंध और सुंदरता, गुण दिए पर मुझे बदबू दी। जो मुझे खाएगा उसका मुंह बदबू देगा। मेरे साथ ही यह व्यवहार क्यों?
तब भगवान को प्याज पर दया आ गई। उन्होने कहा...
मै तुम्हे अपने शुभ चिन्ह देता हूं.यदि तुम्हे खड़ा काटा जायगा तो तुम्हारा रूप शंखाकार होगा। और यदि आड़ा काटा गया तो चक्र का रूप होगा। और सारी सब्जियों को तुम्हारा साथ लेना होगा। तभी वे स्वादिष्ट लगेंगी.....
और अंत मे तुम्हे काटने पर लोगों के वैसे ही आंसू निकलेंगे जैसे आज तुम्हारे निकले हैं। जब जब धरती पर मंहगाई बढ़ेगी। तुम सबको रुलाओगी!
दोस्तों इसीलिए प्याज आज रुला रही है। उसे वरदान जो प्राप्त है,
सोर्स: व्हाट्सअप बाबा।
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