नज़र और नसीब का कुछ ऐसा इत्तफाक हैं कि नज़र को अक्सर वही चीज़ पसंद आती हैं जो नसीब में नहीं होती और नसीब में लिखी चीज़ अक्सर नज़र नहीं आती है।
मैंने एक दिन भगवान से पूछा आप मेरी दुआ उसी वक्त क्यों नहीं सुनते हो जब मैं आपसे मांगता हूँ भगवान ने मुस्कुरा कर के कहा मैं तो आप के गुनाहों की सजा भी उस वक्त नहीं देता जब आप करते हो
किस्मत तो पहले ही लिखी जा चुकी है तो कोशिश करने से क्या मिलेगा क्या पता किस्मत में लिखा हो कि कोशिश से ही मिलेगा।
ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो यह दो लाइन याद रखना जो खोया है उसका ग़म नहीं लेकिन जो पाया है वह किसी से कम नहीं जो नहीं है वह एक ख्वाब हैं और जो है वह लाजवाब है
इन्सान कहता है कि पैसा आये तो हम कुछ करके दिखाये और पैसा कहता हैं कि आप कुछ करके दिखाओ।तो मैं आऊ।
बोलने से पहले लफ्ज़ आदमी के गुलाम होते हैं लेकिन बोलने के बाद इंसान अपने लफ़्ज़ों का गुलाम बन जाता हैँ।
ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले अक्सर डूब जाते हैं फिर चाहे वह अभिमान का हो या सामान का।
जिन्दगी जख्मों से भरी है वक़्त को मरहम बनाना सीख लो हारना तो है मौत के सामने फ़िलहाल जिन्दगी से जीना सीख लो।
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