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Wednesday, April 08, 2015

आइना और परछाई के जैसे मित्र रखो..


मित्र उन्हें मत रखिए जो पंछी की तरह दाना पानी चुगे और उड़ जाए,  मित्र उन्हेँ रखिए जो पानी और मछली की तरह हमेशा एक दूसरे के सुख दुख मेँ साथ साथ रहें।


जीवन में एक मित्र श्री कृष्ण जैसा होना ही चाहिए... जो तुम्हारे लिए युद्ध न लड़े पर सच्चा मार्गदर्शन दिखाता रहे और एक दोस्त कर्ण जैसा भी जरूर होना चाहिए, जो तुम्हारे गलत होते हुए भी तुम्हारे लिए युद्ध करे...




काश फिर मिलने की वजह मिल जाए

साथ जितना भी बिताया वो पल मिल
जाए, चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए..  वातावरण को जो महका दे उसे 'इत्र' कहते हैं जीवन को जो महका दे उसे ही 'मित्र' कहते है।

आइना और परछाई के जैसे मित्र रखो क्योकि आइना कभी झूठ नही बोलता और परछाई कभी साथ नही छोङती।









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