▶ जब घड़ी एकाध के पास होती थी और समय सबके पास होता था।
▶ बोलचाल में शालीनता का इस्तेमाल हुआ करता था
▶ हर जगह खो खो कबड्डी खेल होते थे अब केवल संसद में खेली जाती है।
▶ लोग भूखे उठते थे पर भूखे सोते नहीं थे।
▶ फिल्मों में हिरोइन को पैसे कम मिलते थे पर कपड़े पूरे पहनती थी।
▶ लोग पैदल चलते थे और पदयात्रा करते थे पर पदयात्रा पद पाने के लिये नहीं होती थी।
▶ साईकिल होती थी जो चार रोटी में चालीस का एवरेज देती थी।
▶ चिट्ठी पत्री का जमाना था पत्रों मे व्याकरण अशुद्ध होती थी पर आचरण शुद्ध हुआ करता था।
▶ शादी में घर की औरतें खाना बनाती थी और बाहर की औरतें नाचती थी अब घर की औरतें नाचती हैं और बाहर की औरते खाना बनाती थी।
सच में वो भी क्या सुनहरे दिन थे ।काश वो दिन फिर लौट के वापस आ जाए।
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