कोई तौफा ना मिला आज तक और आज फुल-हि-फुल दिये जा रहे थे
तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये , और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे।
दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई, और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे।
आज पता चला मुझे कि "मौत" कितनी हसिन होती है, कम्बख्त हम तो युहि 'जिंदगी' जिये जा रहे थे..
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