Search This Blog

Translate

Friday, April 10, 2015

किसी शायरने मौत को क्या खुब कहा है;..



जिंदगी मे २ मिनट कोई मेरे पास ना बैठा, आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे

 कोई तौफा ना मिला आज तक और आज फुल-हि-फुल दिये जा रहे थे

तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये , और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे।

दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई, और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे।


आज पता चला मुझे कि "मौत" कितनी हसिन होती है, कम्बख्त हम तो युहि 'जिंदगी' जिये जा रहे थे..

No comments:

Post a Comment

Blog Archive

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...