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Thursday, July 23, 2015

तब तुम कहाँ थे।




रोज-रोज पत्नी की झिक-झिक से परेशान

चंदू अपना सामान बांधते हुए

पत्नी से बोला,
 ‘अब तो मैं तेरे साथ एक पल 
भी नहीं रहूंगा।’

घर छोड़कर चंदू रेलवे स्टेशन गया।

वह ट्रेन में चढ़ने लगा तभी आकाशवाणी हुई,--

‘इसमें मत चढ 
ये पटरी से उतर जाएगी।’

चंदू एयरपोर्ट गया। 
वह प्लेन में चढ़ने लगा
 कि आवाज आई,---

‘इसमें मत चढ़ यह क्रैश हो जाएगा।’

चंदू ने बस में जाने का सोचा। बस में चढ़ने से पहले फिर आवाज

आई,--

‘इसमें मत चढ़, यह खाई में गिर जाएगी।

चंदू गुस्से से बोला, ‘कौन है यार?’

आवाज आई, ‘मैं भगवान हूं!’

चंदू रोते हुए बोला,-- ‘प्रभु जब मैं घोड़ी पर चढ़ रहा था

तब आपका गला बैठ गया था क्या?



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