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Wednesday, February 25, 2015

बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे २ की. मी. तक भागते थे...



बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे २

की. मी. तक भागते थे...

न जाने कीतने चोटे

लगती थी...

वो पतंग भी आसमान से हंसती हुए

हमे बहोत

दौड़ाती थी...

शायद वही जिंदगी की दौड़

थी...

आज पता चलता है, दरअसल वो पतंग

नहीं थी;

एक चेलेंज थी...

खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...

वो दुकानो पे नहीं मिलती

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