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Saturday, March 07, 2015

माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है..





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एक बार एक शहरी परिवार मेले मेँ घुमने गया, मेले मेँ 1 घंटे तक घुमे, कि अचानक उनका बेटा मेले मेँ खो गया,

दोनो पति-पत्नी उसे मेले मेँ बहुत ढ़ुढ़ते है,  लेकिन लङका नही मिलता...


लङके कि माँ जोर-जोर से रोने लगती है, बाद मेँ पुलिस को सुचना देतेहै, आधे घण्टे बाद लङका मिल जाता है,

लङके के मिलते ही उसका पति गाँव का टिकिट लेकर आता हैऔर वो सब बस मेँ बेठ कर गाँव रवाना हो जाते है,


तभी पत्नी ने पुछा: हम गाँव क्यो जा रहे है, अपने घर नही जाना है क्या...?


तभी उसका पति बोला:"तु तेरी औलाद के बिना आधा घण्टा नही रह सकती, तो मेरी माँ गाँव मेँ पिछले 10 साल से मेरे बिना कैसे जी रही होगी..??



माँ--

माँ तो जन्नत का फूल है, प्यार करना उसका उसूल है , दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है , माँ की हर दुआ कबूल है, माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,

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