ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है नारी। माँ है वो, बेटी है वो, बहन है वो तो कभी पत्नी है वो; जीवन के हर सुख दुःख में शामिल है वो; शक्ति है वो, प्रेरणा है वो!
नमन है उन सब नारियों को जीवन के हर मोड़ पे हमारा साथ देती हैं। महिला दिवस की बधाई नारी के बिना दुनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
नमन है उन सब नारियों को जीवन के हर मोड़ पे हमारा साथ देती हैं। महिला दिवस की बधाई नारी के बिना दुनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
नारी के प्रति सम्मान प्रकट करें। नारी तेरे हर रुप को शत-शत नमन।
☝✌✌☝✌✌☝✌✌☝
कभी माँ बनकर लोरिया सुनाती है,
कभी बहन बनकर हमारी शरारतों पे पर्दा डालती है,
कभी प्रेमिका बनकर जिंदगी में रंग भरती है,
कभी पत्नी बनकर हमारा घर सवरती है,
कभी बेटी बनकर हमारी सेवा करती है,
कभी बहु बनकर हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुख का अस्वासन देती है,
नारी शक्ति जीवन के हर क्षेत्र में हमारे साथ खड़ी है,
नारी शक्ति को नमन अंतररास्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाये।
☝✌✌☝✌✌☝✌✌☝
एक बच्चे ने अपनी माँ को रोते देखा तो पापा से पुछा माँ क्यो रोती है.??
पापा ने जवाब दिया सारी औरते बिना बात के रोती है..
बच्चा कुछ समझ ना पाया और वो बड़ा हो गया.
एक दिन उसने भगवान से पूछा कि औरते क्यो रोती है बिना बात के.?
भगवान ने जवाब दिया, जब मै औरत को बना रहा था, तो मैने फैसला किया कि उसे कुछ खास बनाना हैं,
मैने उसके कँधे मजबूत बनाये, ताकि वहदुनियादारी का बोझ उठा सके।
उसके बाहो को कोमल बनाया, ताकि बच्चो को आराम महसूस हो सके।
मैने उसे इतनी आत्मशक्ति दी, ताकि वह नये जीव को धरती पर ला सके ।
मैने उसे साहसी बनाया, ताकि मुशकिल वक्त मे वह चट्टान की तरह खड़ी रहे और अपने परिजनो का ख्याल रख सके।
मैने उसे संवेदनशील और विवेकी बनाया, ताकि वह सबकी मदद कर सके और माफ कर सके।
और मैने उसकी आखो मे आँसू दिये, ताकि वो अपने दुख को कम कर सके ।!
☝✌☝✌☝✌☝✌☝✌
ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है नारी। मां, बहन, बेटी, पत्नि नारी इन अलग अलग रूपों में संसार को तरक्की की ओर ले जा रहीं हैं। नारी के बिना दुनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती। नारी के प्रति सम्मान प्रकट करें। नारी तेरे हर रुप को शत-शत नमन।
☝✌☝✌☝✌☝✌☝✌
Why married daughters come to visit their parents
Very nice must read.
●~"बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती है पीहर"~●
~~~~
..बेटियाँ..
..पीहर आती है..
..अपनी जड़ों को सींचने के लिए..
..तलाशने आती हैं भाई की खुशियाँ..
..वे ढूँढने आती हैं अपना सलोना बचपन..
..वे रखने आतीं हैं..
..आँगन में स्नेह का दीपक..
..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर..
~~~
..बेटियाँ..
..ताबीज बांधने आती हैं दरवाजे पर..
..कि नज़र से बचा रहे घर..
..वे नहाने आती हैं ममता की निर्झरनी में..
..देने आती हैं अपने भीतर से थोड़ा-थोड़ा सबको..
..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर..
~~~
..बेटियाँ..
..जब भी लौटती हैं ससुराल..
..बहुत सारा वहीं छोड़ जाती हैं..
..तैरती रह जाती हैं..
..घर भर की नम आँखों में..
..उनकी प्यारी मुस्कान..
..जब भी आती हैं वे, लुटाने ही आती हैं अपना वैभव..
..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर..
☝✌✌☝✌✌☝✌✌☝
Dear Papa....
"बेटी" बनकर आई हु माँ-बाप के जीवन में,
बसेरा होगा कल मेरा किसी और के आँगन में,
क्यों ये रीत "रब" ने बनाई होगी,
"कहते" है आज नहीं तो कल तू "पराई" होगी,
"देके" जनम "पाल-पोसकर" जिसने हमें बड़ा किया,
और "वक़्त" आया तो उन्ही हाथो ने हमें "विदा" किया,
"टूट" के बिखर जाती हे हमारी "ज़िन्दगी " वही,
पर फिर भी उस "बंधन" में प्यार मिले "ज़रूरी" तो नहीं,
क्यों "रिश्ता" हमारा इतना "अजीब" होता है,
क्या बस यही "बेटियो" का "नसीब" होता हे??
"Papa" Says"...
**************
बहुत "चंचल" बहुत
"खुशनुमा " सी होती है "बेटिया".
"नाज़ुक" सा "दिल" रखती है "मासूम" सी होती है "बेटिया".
"बात" बात पर रोती है
"नादान" सी होती है "बेटिया".
"रेहमत" से "भरपूर"
"खुदा" की "Nemat" है "बेटिया".
"घर" महक उठता है
जब "मुस्कराती" हैं "बेटिया".
"अजीब" सी "तकलीफ" होती है\
जब "दूसरे" घर जाती है "बेटियां".
"घर" लगता है सूना सूना "कितना" रुला के "जाती" है "बेटियां"
"ख़ुशी" की "झलक"
"बाबुल" की "लाड़ली" होती है "बेटियां"
ये "हम" नहीं "कहते"
यह तो "रब " कहता है. . क़े जब मैं बहुत खुश होता हु तो "जनम" लेती है
"प्यारी सी बेटियां"
Dedicated to all the sisters, mother, Daughters, frnds.
☝✌✌☝✌✌☝✌✌☝
कभी माँ बनकर लोरिया सुनाती है,
कभी बहन बनकर हमारी शरारतों पे पर्दा डालती है,
कभी प्रेमिका बनकर जिंदगी में रंग भरती है,
कभी पत्नी बनकर हमारा घर सवरती है,
कभी बेटी बनकर हमारी सेवा करती है,
कभी बहु बनकर हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुख का अस्वासन देती है,
नारी शक्ति जीवन के हर क्षेत्र में हमारे साथ खड़ी है,
नारी शक्ति को नमन अंतररास्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाये।
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एक बच्चे ने अपनी माँ को रोते देखा तो पापा से पुछा माँ क्यो रोती है.??
पापा ने जवाब दिया सारी औरते बिना बात के रोती है..
बच्चा कुछ समझ ना पाया और वो बड़ा हो गया.
एक दिन उसने भगवान से पूछा कि औरते क्यो रोती है बिना बात के.?
भगवान ने जवाब दिया, जब मै औरत को बना रहा था, तो मैने फैसला किया कि उसे कुछ खास बनाना हैं,
मैने उसके कँधे मजबूत बनाये, ताकि वहदुनियादारी का बोझ उठा सके।
उसके बाहो को कोमल बनाया, ताकि बच्चो को आराम महसूस हो सके।
मैने उसे इतनी आत्मशक्ति दी, ताकि वह नये जीव को धरती पर ला सके ।
मैने उसे साहसी बनाया, ताकि मुशकिल वक्त मे वह चट्टान की तरह खड़ी रहे और अपने परिजनो का ख्याल रख सके।
मैने उसे संवेदनशील और विवेकी बनाया, ताकि वह सबकी मदद कर सके और माफ कर सके।
और मैने उसकी आखो मे आँसू दिये, ताकि वो अपने दुख को कम कर सके ।!
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ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है नारी। मां, बहन, बेटी, पत्नि नारी इन अलग अलग रूपों में संसार को तरक्की की ओर ले जा रहीं हैं। नारी के बिना दुनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती। नारी के प्रति सम्मान प्रकट करें। नारी तेरे हर रुप को शत-शत नमन।
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Why married daughters come to visit their parents
Very nice must read.
●~"बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती है पीहर"~●
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..बेटियाँ..
..पीहर आती है..
..अपनी जड़ों को सींचने के लिए..
..तलाशने आती हैं भाई की खुशियाँ..
..वे ढूँढने आती हैं अपना सलोना बचपन..
..वे रखने आतीं हैं..
..आँगन में स्नेह का दीपक..
..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर..
~~~
..बेटियाँ..
..ताबीज बांधने आती हैं दरवाजे पर..
..कि नज़र से बचा रहे घर..
..वे नहाने आती हैं ममता की निर्झरनी में..
..देने आती हैं अपने भीतर से थोड़ा-थोड़ा सबको..
..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर..
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..बेटियाँ..
..जब भी लौटती हैं ससुराल..
..बहुत सारा वहीं छोड़ जाती हैं..
..तैरती रह जाती हैं..
..घर भर की नम आँखों में..
..उनकी प्यारी मुस्कान..
..जब भी आती हैं वे, लुटाने ही आती हैं अपना वैभव..
..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर..
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Dear Papa....
"बेटी" बनकर आई हु माँ-बाप के जीवन में,
बसेरा होगा कल मेरा किसी और के आँगन में,
क्यों ये रीत "रब" ने बनाई होगी,
"कहते" है आज नहीं तो कल तू "पराई" होगी,
"देके" जनम "पाल-पोसकर" जिसने हमें बड़ा किया,
और "वक़्त" आया तो उन्ही हाथो ने हमें "विदा" किया,
"टूट" के बिखर जाती हे हमारी "ज़िन्दगी " वही,
पर फिर भी उस "बंधन" में प्यार मिले "ज़रूरी" तो नहीं,
क्यों "रिश्ता" हमारा इतना "अजीब" होता है,
क्या बस यही "बेटियो" का "नसीब" होता हे??
"Papa" Says"...
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बहुत "चंचल" बहुत
"खुशनुमा " सी होती है "बेटिया".
"नाज़ुक" सा "दिल" रखती है "मासूम" सी होती है "बेटिया".
"बात" बात पर रोती है
"नादान" सी होती है "बेटिया".
"रेहमत" से "भरपूर"
"खुदा" की "Nemat" है "बेटिया".
"घर" महक उठता है
जब "मुस्कराती" हैं "बेटिया".
"अजीब" सी "तकलीफ" होती है\
जब "दूसरे" घर जाती है "बेटियां".
"घर" लगता है सूना सूना "कितना" रुला के "जाती" है "बेटियां"
"ख़ुशी" की "झलक"
"बाबुल" की "लाड़ली" होती है "बेटियां"
ये "हम" नहीं "कहते"
यह तो "रब " कहता है. . क़े जब मैं बहुत खुश होता हु तो "जनम" लेती है
"प्यारी सी बेटियां"
Dedicated to all the sisters, mother, Daughters, frnds.
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